मंजिल का पता देकर दीवाना कर गये हो
तुम मेरी नींदे उड़ाकर दीवाना कर गए हो
आंखो में डालकर आखें मैख़ाना भर गए हो
प्यारका मय पिलाकर ,दीवाना कर गए हो
तन्हाई के बीच भी जहां आबाद कर गए हो
दर्द को ही दवा बनकर दीवाना कर गए हो
मेरे साथ अपनी पहचान खुद बना गए हो
मुजको तुममें समाकर दीवाना कर गए हो
इस जान का क्या करूँ दिल तुम ले गए हो
उलझन में हमे डालकर दीवाना कर गए हो
रेखा पटेल ( विनोदिनी )