सुन सजना …….
प्यारकी रानी चहेकती है सुन सजना
यहाँ रातरानी महकती है सुन सजना
ह्दय का सागर छलक रहा है सुन ज़रा
नदिया तोडके बंधन उभरी है सुन सजना
बदन भी सुगंध बिखेर रही है सुन ज़रा
मिट्टीसे खुशबू. फ़ैलती है सुन सजना
यादे मखमली सी लपेटती है सुन जरा
यहाँ हवासे फुटती रौशनी है सुन सजना
साँसो की गरमी तप रही है सुन ज़रा
अगन चादनी में लगती है सुन सजना
तेरे बाहोंका जेवर सोभता है सुन ज़रा
हरियाली सी सेज सजती है सुन सजना
रेखा 2/18/13 .